By | September 23, 2023

 आज के इस पोस्ट में  हम बात करेंगे bhasha ke kitne roop hote hain।  यह परीक्षा में कई बार ऐसे क्वेश्चन आ चुके हैं।  और बच्चे इस प्रश्न में काफी उनसे रहते हैं उन्हें समझ नहीं आता भाषा कितने प्रकार के होते हैं।  और प्रश्न होता कुछ और है उत्तर देते कुछ और है तो इसी उलझन को हम समझाने  इस पोस्ट को पढ़ें bhasha ke kitne roop hote hain। 

 उसके साथ साथ हम यह भी देखेंगे हिंदी भाषा के कितने अर्थ होते हैं  और 

मालवी बोली के क्षेत्र कौन से हैं। ऐसे छोटे-छोटे प्रश्न देखने में आसान लगते हैं लेकिन जब हम इसे परीक्षा में बैठकर हल करते हैं तब हमारी असलियत पता चलता है।  

Bhasha ke kitne roop hote hain भाषा के कितने रूप होते हैं

  हाल ही में कृष्ण आया था भाषा के कितने रूप होते हैं उदाहरण सहित लिखिए।  यह प्रश्न काफी आसान था लेकिन अधिकतर बच्चे इस प्रश्न को हल नहीं कर पाए।  उसी तरह और एक प्रश्न है भाषा के कितने कौशल होते हैं।  इस प्रश्न को भी हल नहीं  कर पाए काफी सारे विद्यार्थी।  दूसरी ओर एक प्रश्न आया  मौखिक भाषा किसे कहते हैं उदाहरण सहित ।  यह वाली प्रश्न काफी कार्य बच्चे आसानी से हल कर पाए क्योंकि मौखिक भाषा सभी को पता होती है और प्रश्न आसान होने के कारण बच्चों ने इसका हल किया। 

 ऊपर दिया गया प्रश्न जितने भी है  आगर आप उत्तर  नहीं पता है तो  इस लेख को अंत पढ़े ताकि आप को सही जानकारी मिली 

भाषा क्या है

भाषा मानव मुख से निकली वह सार्थक ध्वनिया  है जो अपने मन के भाव अथवा विचारों दूसरों तक पहुंचाने का काम करती  हैं। 

 भाषा तीन प्रकार के होते हैं 

  • मौखिक भाषा
  •  लिखित भाषा
  • सांकेतिक भाषा

मालवी बोली के क्षेत्र कौन से हैं

मालवी, या मालवी, भारत के मालवा क्षेत्र में बोली जाने वाली एक इंडो-आर्यन भाषा है। यह निमाड़ी से निकटता से संबंधित है, जो मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में बोली जाती है।

मालवी की बोलियाँ उज्जैनी (उज्जैन, धार, इंदौर, देवास, शाजापुर, सीहोर जिले), राजावाड़ी (रतलाम, मंदसौर, नीमच जिले), उमथवाड़ी (राजगढ़ जिला), और सोंधवाड़ी (झालावाड़ जिला) हैं। उज्जैनी प्रतिष्ठा बोली है, और समग्र भाषा कभी-कभी उस नाम से जाती है। मालवी भोयारी की मिश्रित बोली बैतूल और छिंदवाड़ा जिले में बोली जाती है।

मालवी की लगभग 75% आबादी हिंदी में बातचीत कर सकती है, जो मध्य प्रदेश राज्य की आधिकारिक भाषा है, और दूसरी भाषा जैसे हिंदी में साक्षरता दर लगभग 40% है। इस भाषा में कई अप्रकाशित सामग्री हैं।

भाषा के कितने रूप होते हैं उदाहरण सहित लिखिए

 भाषा के तीन रूप होते हैं. 

 मौखिक भाषा 

 भाषा का मूल रूप मौखिक ही है. मौखिक रूप को ही निश्चित और स्थाई आधार देने के लिए लिखित रूप की आवश्यकता पड़ती है . यही लिखित भाषा एवं उसके साहित्य को सुरक्षित रखता है. दूसरे शब्द में कह दो जो हम मुख से बोलते हैं उसे ही मौके भाषा कहते हैं.

 लिखित भाषा

 जो आप अभी पढ़ रहे हो,  इसको ही लिखित भाषा कहते हैं.  लिखित भाषा ही  पूर्ण धारण से  साहित्य को मजबूत करके रखती है.  बिना लिखित भाषा के कोई भी भाषा लंबे समय तक के टिक नहीं पाएगा. 

सांकेतिक भाषा

 सांकेतिक भाषा मतलब वह भाषा जो संकेत के द्वारा दी जाती है.  यह भाषा उनके लिए अनिवार्य हो जाता है जिनको सुनने में और देखने में परेशानी होती है.  इसे दूसरे शब्दों में कहे तो जो इशारा में बात किया जाता है उसे ही सांकेतिक भाषा कहते हैं. 

मौखिक भाषा किसे कहते हैं उदाहरण सहित

मौखिक भाषा में भाषा है जिसे हम मुख से बोलते हैं.  मौखिक भाषा में भी अलग अलग श्रेणी में मौखिक भाषा बोली जाती हैं. भाषा का मूल रूप मौखिक ही है. मौखिक रूप को ही निश्चित और स्थाई आधार देने के लिए लिखित रूप की आवश्यकता पड़ती है . यही लिखित भाषा एवं उसके साहित्य को सुरक्षित रखता है.

हिंदी भारत के उत्तरी हिस्सों में सबसे व्यापक बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय जनगणना “हिंदी” की व्यापक विविधता के रूप में “हिंदी” की व्यापक संभव परिभाषा लेती है।2011 की जनगणना के अनुसार, 43.63% भारतीय लोगों ने हिंदी को अपनी मूल भाषा या मातृभाषा घोषित कर दिया है।भाषा डेटा 26 जून 2018 को जारी किया गया था। भिली / भिलोदी 1.04 करोड़ वक्ताओं के साथ सबसे ज्यादा बोली जाने वाली गैर अनुसूचित भाषा थी, इसके बाद गोंडी 29 लाख वक्ताओं के साथ थीं। भारत की जनगणना २०११ में भारत की आबादी का 96.71% 22 अनुसूचित भाषाओं में से एक अपनी मातृभाषा के रूप में बोलता है। 

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